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सत्य से बड़ा तो ईश्‍वर भी नहीं

सनातन धर्म क्या है?

सनातन धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म और जीवन दर्शन है। "सनातन" का अर्थ है "शाश्वत" या "सनातनकाल से चला आ रहा"। इसे धर्म के साथ-साथ जीवन जीने की एक पद्धति के रूप में भी जाना जाता है। यह धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू से संबंधित मार्गदर्शन प्रदान करता है।

सनातन धर्म के प्रमुख सिद्धांत:
धर्म: नैतिकता, कर्तव्य और उचित आचरण।
अर्थ: धन और संसाधनों का सही उपयोग।
काम: इच्छाओं और सुखों की पूर्ति।
मोक्ष: जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति।

सनातन धर्म की विशेषताएँ:
वेदों पर आधारित: सनातन धर्म का मूल आधार वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथ हैं।
ईश्वर की एकता: ईश्वर को एक और अनंत माना जाता है, लेकिन विभिन्न रूपों (शिव, विष्णु, देवी आदि) में पूजा की जाती है।
योग और ध्यान: आत्मा की शुद्धि और परमात्मा से जुड़ने के साधन।
पुनर्जन्म और कर्म: प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्मों के अनुसार फल पाता है, और पुनर्जन्म की प्रक्रिया से गुजरता है।
सर्व धर्म समभाव: यह सभी धर्मों और विचारों का सम्मान करता है।
प्रकृति पूजा: सूर्य, चंद्रमा, नदियाँ, वृक्ष और पहाड़ों की पूजा के माध्यम से प्रकृति का सम्मान।

सनातन धर्म के मुख्य ग्रंथ:
वेद: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।
उपनिषद: आध्यात्मिक ज्ञान और ब्रह्मा का वर्णन।
भगवद्गीता: जीवन के सिद्धांत और धर्म का सार।
पुराण: धार्मिक कथाएँ और इतिहास।

जीवन का उद्देश्य:
सनातन धर्म के अनुसार, जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष है, जो आत्मा का परमात्मा से मिलन है। यह धर्म मानवता को सदाचार, परोपकार, सत्य, और संयम का पालन करने की शिक्षा देता है।

समावेशी दृष्टिकोण:
सनातन धर्म में किसी एक मार्ग या विचारधारा को अनिवार्य नहीं माना जाता। यह धर्म व्यक्ति को अपनी आस्था और समझ के अनुसार जीने की स्वतंत्रता देता है।

आधुनिक संदर्भ में:
आज के समय में सनातन धर्म को "हिंदू धर्म" के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह नाम बाद में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा दिया गया। मूल रूप से यह धर्म "सनातन" है, जो शाश्वत और सार्वभौमिक है।
पञ्चाङ्ग कैलेण्डर 02 Dec 2024 (उज्जैन)

आज का पञ्चाङ्ग

दिनांक: 2024-12-02
मास: मार्गशीर्ष
दिन: सोमवार
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शक संवत: 1946, क्रोधी
विक्रम संवत: 2081, पिंगल
दिशाशूल: पूरब
आज का व्रत त्यौहार: इष्टि