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देव दिवाली के अवसर पर कौन-कौन सी पारंपरिक मिठाइयाँ बनती हैं?
देव दिवाली एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जिसे विशेष रूप से कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व धार्मिक पूजा और दीपदान से जुड़ा है, लेकिन साथ ही साथ इस दिन विशेष पारंपरिक मिठाइयों का भी महत्व है, जिन्हें घरों में तैयार किया जाता है और परिवार, मित्रों तथा पूजा स्थल पर वितरित किया जाता है।
देव दिवाली के अवसर पर मिठाइयाँ बनाने का परंपरा है, जो न केवल धार्मिक श्रद्धा और पूजा का हिस्सा हैं, बल्कि इस दिन का आनंद और उल्लास बढ़ाने के लिए भी बनाई जाती हैं। पारंपरिक मिठाइयाँ जैसे लड्डू, खीर, पेड़ा, रासगुल्ला, और बर्फी इस अवसर को और भी खास बनाती हैं, और इन्हें परिवार, मित्रों और पूजा स्थल पर वितरित किया जाता है।
यहां कुछ प्रमुख पारंपरिक मिठाइयाँ हैं, जो देव दिवाली के अवसर पर बनाई जाती हैं:
- लड्डू हिंदू त्योहारों में एक प्रमुख मिठाई है, और देव दिवाली पर भी यह विशेष रूप से बनाई जाती है। बेसन के लड्डू, सूजी के लड्डू, और नारियल के लड्डू आमतौर पर देव दिवाली के अवसर पर बनाए जाते हैं। ये मिठाइयाँ स्वादिष्ट और ऊर्जा देने वाली होती हैं।
- यह एक पारंपरिक मिठाई है जो खासकर उत्तर भारत में देव दिवाली और अन्य धार्मिक अवसरों पर बनती है। इसे खाजा या कूझा भी कहते हैं। यह स्वादिष्ट और कुरकुरी मिठाई होती है, जिसे आटे, घी, और शक्कर से बनाया जाता है।
- खीर या पुडींग भी देव दिवाली के अवसर पर एक प्रमुख मिठाई होती है। इसे चावल, दूध, चीनी, और इलायची से बनाया जाता है, और इसे पूजन में अर्पित करने के बाद परिवार के सदस्य इसे आनंदपूर्वक खाते हैं। इसे कई प्रकार से सजाया जाता है, जैसे किसमिस, पिस्ता, और बादाम डालकर।
- रासगुल्ला पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की प्रसिद्ध मिठाई है, लेकिन भारत भर में यह खास अवसरों पर बनाई जाती है। देव दिवाली के दिन इसे मंदिरों में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और परिवारों में भी बांटा जाता है। यह मिठाई स्वाद में मीठी और कोमल होती है।
- पेड़ा एक बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है, जिसे मावा और चीनी से तैयार किया जाता है। इसे कश्मीर, उत्तर भारत और मध्य भारत में बड़े श्रद्धा भाव से तैयार किया जाता है। देव दिवाली के अवसर पर यह विशेष रूप से मंदिरों में प्रसाद के रूप में चढ़ती है और घरों में भी बनाई जाती है।
- लवांग लच्मी एक विशेष प्रकार की मिठाई होती है, जिसे सूजी, आटा, और लवंग के साथ तैयार किया जाता है। यह उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में खासतौर पर बनाई जाती है, और देव दिवाली पर इसका स्वाद बहुत प्रिय माना जाता है।
- चरणामृत वह पवित्र मिठाई होती है, जो पूजा के समय देवी-देवताओं के चरणों से संबंधित होती है। इसे दूध, शहद, घी, और पानी के मिश्रण से तैयार किया जाता है, और इसे देव दिवाली पर पूजा के समय प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
- यह एक विशेष प्रकार का भारतीय मिठाई है जो खासतौर पर गुजरात और राजस्थान में बनाई जाती है। इसे बेसन, घी, और चीनी से तैयार किया जाता है। मोहनथाल का स्वाद बहुत ही लजीज और मिठा होता है, और यह देव दिवाली के अवसर पर एक खास मिठाई होती है।
- बर्फी या मावा बर्फी देव दिवाली में बनाई जाने वाली लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है। इसे मावा और चीनी से तैयार किया जाता है, और इसमें पिस्ता, काजू, या बादाम जैसी ड्राई फ्रूट्स डाले जाते हैं।
- सूजी का हलवा एक बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है, जो खासतौर पर पूजन और व्रत के दौरान बनाई जाती है। इसे घी, सूजी, चीनी, और पानी के साथ पकाया जाता है। इस हलवे को खासतौर पर देव दिवाली के दिन पूजा में अर्पित किया जाता है।
देव दिवाली के अवसर पर मिठाइयाँ बनाने का परंपरा है, जो न केवल धार्मिक श्रद्धा और पूजा का हिस्सा हैं, बल्कि इस दिन का आनंद और उल्लास बढ़ाने के लिए भी बनाई जाती हैं। पारंपरिक मिठाइयाँ जैसे लड्डू, खीर, पेड़ा, रासगुल्ला, और बर्फी इस अवसर को और भी खास बनाती हैं, और इन्हें परिवार, मित्रों और पूजा स्थल पर वितरित किया जाता है।
यहां कुछ प्रमुख पारंपरिक मिठाइयाँ हैं, जो देव दिवाली के अवसर पर बनाई जाती हैं:
1. लड्डू (Laddu)
- लड्डू हिंदू त्योहारों में एक प्रमुख मिठाई है, और देव दिवाली पर भी यह विशेष रूप से बनाई जाती है। बेसन के लड्डू, सूजी के लड्डू, और नारियल के लड्डू आमतौर पर देव दिवाली के अवसर पर बनाए जाते हैं। ये मिठाइयाँ स्वादिष्ट और ऊर्जा देने वाली होती हैं।
2. कूझा (Khuja)
- यह एक पारंपरिक मिठाई है जो खासकर उत्तर भारत में देव दिवाली और अन्य धार्मिक अवसरों पर बनती है। इसे खाजा या कूझा भी कहते हैं। यह स्वादिष्ट और कुरकुरी मिठाई होती है, जिसे आटे, घी, और शक्कर से बनाया जाता है।
3. खीर (Kheer)
- खीर या पुडींग भी देव दिवाली के अवसर पर एक प्रमुख मिठाई होती है। इसे चावल, दूध, चीनी, और इलायची से बनाया जाता है, और इसे पूजन में अर्पित करने के बाद परिवार के सदस्य इसे आनंदपूर्वक खाते हैं। इसे कई प्रकार से सजाया जाता है, जैसे किसमिस, पिस्ता, और बादाम डालकर।
4. रासगुल्ला (Rasgulla)
- रासगुल्ला पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की प्रसिद्ध मिठाई है, लेकिन भारत भर में यह खास अवसरों पर बनाई जाती है। देव दिवाली के दिन इसे मंदिरों में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और परिवारों में भी बांटा जाता है। यह मिठाई स्वाद में मीठी और कोमल होती है।
5. पेड़ा (Peda)
- पेड़ा एक बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है, जिसे मावा और चीनी से तैयार किया जाता है। इसे कश्मीर, उत्तर भारत और मध्य भारत में बड़े श्रद्धा भाव से तैयार किया जाता है। देव दिवाली के अवसर पर यह विशेष रूप से मंदिरों में प्रसाद के रूप में चढ़ती है और घरों में भी बनाई जाती है।
6. लवांग लच्मी (Lawang Lajmi)
- लवांग लच्मी एक विशेष प्रकार की मिठाई होती है, जिसे सूजी, आटा, और लवंग के साथ तैयार किया जाता है। यह उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में खासतौर पर बनाई जाती है, और देव दिवाली पर इसका स्वाद बहुत प्रिय माना जाता है।
7. चरण पूजा का प्रसाद (Charnamrit)
- चरणामृत वह पवित्र मिठाई होती है, जो पूजा के समय देवी-देवताओं के चरणों से संबंधित होती है। इसे दूध, शहद, घी, और पानी के मिश्रण से तैयार किया जाता है, और इसे देव दिवाली पर पूजा के समय प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
8. मोहनथाल (Mohanthal)
- यह एक विशेष प्रकार का भारतीय मिठाई है जो खासतौर पर गुजरात और राजस्थान में बनाई जाती है। इसे बेसन, घी, और चीनी से तैयार किया जाता है। मोहनथाल का स्वाद बहुत ही लजीज और मिठा होता है, और यह देव दिवाली के अवसर पर एक खास मिठाई होती है।
9. बर्फी (Barfi)
- बर्फी या मावा बर्फी देव दिवाली में बनाई जाने वाली लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है। इसे मावा और चीनी से तैयार किया जाता है, और इसमें पिस्ता, काजू, या बादाम जैसी ड्राई फ्रूट्स डाले जाते हैं।
10. सूजी का हलवा (Suji ka Halwa)
- सूजी का हलवा एक बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है, जो खासतौर पर पूजन और व्रत के दौरान बनाई जाती है। इसे घी, सूजी, चीनी, और पानी के साथ पकाया जाता है। इस हलवे को खासतौर पर देव दिवाली के दिन पूजा में अर्पित किया जाता है।
पञ्चाङ्ग कैलेण्डर 02 Dec 2024 (उज्जैन)
आज का पञ्चाङ्ग
दिनांक: 2024-12-02
मास: मार्गशीर्ष
दिन: सोमवार
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: प्रतिपदा तिथि 12:43 PM तक उपरांत द्वितीया
नक्षत्र: नक्षत्र ज्येष्ठा 03:45 PM तक उपरांत मूल
शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त - 11:49 AM – 12:31 PM
राहु काल: 8:19 AM – 9:36 AM
यमघंट: 10:53 AM – 12:10 PM
शक संवत: 1946, क्रोधी
विक्रम संवत: 2081, पिंगल
दिशाशूल: पूरब
आज का व्रत त्यौहार: इष्टि