शुभम
सत्य से बड़ा तो ईश्वर भी नहीं
सनातन धर्म में विशेष महत्व की कुछ संख्याएँ?
सनातन धर्म में अनेक प्रमुख ग्रंथ हैं, जो इसके दर्शन, सिद्धांत, और परंपराओं का आधार हैं। इन्हें मुख्यतः श्रुति (सुनने योग्य) और स्मृति (स्मरण योग्य) श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
1. श्रुति ग्रंथ (दिव्य ज्ञान के स्रोत)
ये ग्रंथ वैदिक काल में प्रकट हुए और सबसे प्राचीन माने जाते हैं।
(a) वेद
वेदों को सनातन धर्म का आधार माना जाता है। ये चार हैं:
1. ऋग्वेद: इसमें स्तुति, प्रार्थना और भजन शामिल हैं।
2. यजुर्वेद: इसमें यज्ञ विधि और अनुष्ठान का वर्णन है।
3. सामवेद: इसमें संगीत और मंत्रों का वर्णन है।
4. अथर्ववेद: इसमें औषधि, ज्योतिष और तंत्र-मंत्र का उल्लेख है।
(b) उपनिषद
- इन्हें वेदांत भी कहा जाता है।
- ये वैदिक ज्ञान का दार्शनिक और आध्यात्मिक सार हैं।
- आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष के गहन विषयों पर चर्चा करते हैं।
(c) आरण्यक और ब्राह्मण ग्रंथ
- ब्राह्मण ग्रंथ: यज्ञ और अनुष्ठानों की व्याख्या करते हैं।
- आरण्यक: ध्यान और तपस्या से संबंधित हैं।
2. स्मृति ग्रंथ (पारंपरिक और सामाजिक नियम)
(a) धर्मसूत्र और स्मृतियाँ
- समाज और व्यक्ति के आचार-व्यवहार, कर्तव्यों और नियमों का वर्णन।
- मुख्य स्मृतियाँ:
1. मनुस्मृति
2. याज्ञवल्क्य स्मृति
3. पराशर स्मृति
(b) रामायण और महाभारत
- ये धर्म, न्याय, और आदर्श जीवन के लिए महाकाव्य हैं।
1. रामायण: ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित, भगवान राम के जीवन और आदर्शों का वर्णन।
2. महाभारत: ऋषि वेदव्यास द्वारा रचित, यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है।
- इसमें भगवद्गीता शामिल है, जो धर्म, कर्म, और भक्ति का मर्म बताती है।
3. पुराण (पौराणिक ग्रंथ)
- पुराणों में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, देवताओं, अवतारों, और पौराणिक कथाओं का वर्णन है।
- कुल 18 मुख्य पुराण हैं। कुछ प्रमुख हैं:
1. भागवत पुराण
2. विष्णु पुराण
3. शिव पुराण
4. देवी भागवत पुराण
5. ब्रह्मांड पुराण
4. योग और दर्शन ग्रंथ
(a) योग सूत्र
- पतंजलि द्वारा रचित, योग के आठ अंगों का वर्णन।
(b) दर्शन शास्त्र
- सनातन धर्म में 6 प्रमुख दर्शन हैं:
1. न्याय
2. वैशेषिक
3. सांख्य
4. योग
5. मीमांसा
6. वेदांत
5. अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ
1. तिरुक्कुरल: नैतिकता और धर्म के नियम।
2. आयुर्वेद ग्रंथ: चरक संहिता और सुश्रुत संहिता।
3. अर्थशास्त्र: चाणक्य द्वारा रचित।
निष्कर्ष
सनातन धर्म के ग्रंथ आध्यात्मिकता, दर्शन, समाज व्यवस्था और प्रकृति से सामंजस्य के आधार हैं। इन ग्रंथों का अध्ययन न केवल धार्मिक ज्ञान देता है, बल्कि जीवन के हर पहलू को संतुलित करने की प्रेरणा भी प्रदान करता है।
1. श्रुति ग्रंथ (दिव्य ज्ञान के स्रोत)
ये ग्रंथ वैदिक काल में प्रकट हुए और सबसे प्राचीन माने जाते हैं।
(a) वेद
वेदों को सनातन धर्म का आधार माना जाता है। ये चार हैं:
1. ऋग्वेद: इसमें स्तुति, प्रार्थना और भजन शामिल हैं।
2. यजुर्वेद: इसमें यज्ञ विधि और अनुष्ठान का वर्णन है।
3. सामवेद: इसमें संगीत और मंत्रों का वर्णन है।
4. अथर्ववेद: इसमें औषधि, ज्योतिष और तंत्र-मंत्र का उल्लेख है।
(b) उपनिषद
- इन्हें वेदांत भी कहा जाता है।
- ये वैदिक ज्ञान का दार्शनिक और आध्यात्मिक सार हैं।
- आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष के गहन विषयों पर चर्चा करते हैं।
(c) आरण्यक और ब्राह्मण ग्रंथ
- ब्राह्मण ग्रंथ: यज्ञ और अनुष्ठानों की व्याख्या करते हैं।
- आरण्यक: ध्यान और तपस्या से संबंधित हैं।
2. स्मृति ग्रंथ (पारंपरिक और सामाजिक नियम)
(a) धर्मसूत्र और स्मृतियाँ
- समाज और व्यक्ति के आचार-व्यवहार, कर्तव्यों और नियमों का वर्णन।
- मुख्य स्मृतियाँ:
1. मनुस्मृति
2. याज्ञवल्क्य स्मृति
3. पराशर स्मृति
(b) रामायण और महाभारत
- ये धर्म, न्याय, और आदर्श जीवन के लिए महाकाव्य हैं।
1. रामायण: ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित, भगवान राम के जीवन और आदर्शों का वर्णन।
2. महाभारत: ऋषि वेदव्यास द्वारा रचित, यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है।
- इसमें भगवद्गीता शामिल है, जो धर्म, कर्म, और भक्ति का मर्म बताती है।
3. पुराण (पौराणिक ग्रंथ)
- पुराणों में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, देवताओं, अवतारों, और पौराणिक कथाओं का वर्णन है।
- कुल 18 मुख्य पुराण हैं। कुछ प्रमुख हैं:
1. भागवत पुराण
2. विष्णु पुराण
3. शिव पुराण
4. देवी भागवत पुराण
5. ब्रह्मांड पुराण
4. योग और दर्शन ग्रंथ
(a) योग सूत्र
- पतंजलि द्वारा रचित, योग के आठ अंगों का वर्णन।
(b) दर्शन शास्त्र
- सनातन धर्म में 6 प्रमुख दर्शन हैं:
1. न्याय
2. वैशेषिक
3. सांख्य
4. योग
5. मीमांसा
6. वेदांत
5. अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ
1. तिरुक्कुरल: नैतिकता और धर्म के नियम।
2. आयुर्वेद ग्रंथ: चरक संहिता और सुश्रुत संहिता।
3. अर्थशास्त्र: चाणक्य द्वारा रचित।
निष्कर्ष
सनातन धर्म के ग्रंथ आध्यात्मिकता, दर्शन, समाज व्यवस्था और प्रकृति से सामंजस्य के आधार हैं। इन ग्रंथों का अध्ययन न केवल धार्मिक ज्ञान देता है, बल्कि जीवन के हर पहलू को संतुलित करने की प्रेरणा भी प्रदान करता है।
पञ्चाङ्ग कैलेण्डर 03 Dec 2024 (उज्जैन)
आज का पञ्चाङ्ग
दिनांक: 2024-12-03
मास: मार्गशीर्ष
दिन: मंगलवार
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: द्वितीया तिथि 01:09 PM तक उपरांत तृतीया
नक्षत्र: नक्षत्र मूल 04:41 PM तक उपरांत पूर्वाषाढ़ा
शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त - 11:50 AM – 12:31 PM
राहु काल: 2:45 PM – 4:02 PM
यमघंट: 9:36 AM – 10:53 AM
शक संवत: 1946, क्रोधी
विक्रम संवत: 2081, पिंगल
दिशाशूल: उत्तर
आज का व्रत त्यौहार: