शुभम
सत्य से बड़ा तो ईश्वर भी नहीं
सनातन धर्म के प्रमुख देवता कौन-से हैं?
सनातन धर्म में देवताओं की एक विस्तृत परंपरा है, जिसमें प्रत्येक देवता किसी विशिष्ट शक्ति, तत्व या ब्रह्मांडीय सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, सभी देवताओं को परम शक्ति (ब्रह्म) का विभिन्न रूप माना जाता है।
प्रमुख देवता और उनकी भूमिकाएँ
1. त्रिदेव (सृष्टि के रचनात्मक, संरक्षक और विनाशकारी रूप)
ब्रह्मा (सृष्टि के रचयिता):
- ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता।
- इनकी पत्नी सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी हैं।
- प्रमुख वाहन: हंस।
विष्णु (संरक्षक):
सृष्टि की रक्षा और धर्म की स्थापना के देवता।
उनके 10 अवतारों में से राम और कृष्ण सबसे प्रसिद्ध हैं।
इनकी पत्नी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।
प्रमुख वाहन: गरुड़।
महेश (शिव) (विनाशक और पुनर्निर्माता):
- सृष्टि के संहार और पुनः निर्माण के देवता।
- शिव के तांडव से सृष्टि का नाश और सृजन होता है।
- इनकी पत्नी पार्वती शक्ति का प्रतीक हैं।
- प्रमुख वाहन: नंदी बैल।
2. त्रिदेवियों का महत्व
सरस्वती: ज्ञान, संगीत और कला की देवी।
लक्ष्मी: धन, वैभव और समृद्धि की देवी।
पार्वती (दुर्गा, काली): शक्ति, भक्ति और ऊर्जा की देवी।
3. पंच देव (पूजा के 5 प्रमुख देवता)
गणेश:
- प्रथम पूजनीय।
- विघ्नों का नाश करने वाले और नई शुरुआत के देवता।
शिव:
- ध्यान और मोक्ष के मार्गदर्शक।
विष्णु:
- पालनकर्ता।
सूर्य:
- ऊर्जा, प्रकाश और जीवन के स्रोत।
शक्ति (दुर्गा/पार्वती):
- सृजन और शक्ति का प्रतीक।
4. लोकप्रिय देवता
हनुमान:
- शक्ति और भक्ति के प्रतीक।
- राम के अनन्य भक्त और अजर-अमर।
राम:
- धर्म, मर्यादा और आदर्श पुरुष।
कृष्ण:
- प्रेम, भक्ति और ज्ञान के देवता।
- भगवद्गीता के उपदेशक।
5. प्रकृति और तत्वों से संबंधित देवता
अग्नि: यज्ञ और ऊर्जा के देवता।
वरुण: जल और सागर के देवता।
वायु: वायु और प्राण शक्ति के देवता।
इंद्र: देवताओं के राजा और वर्षा के देवता।
चंद्र: चंद्रमा और मन के स्वामी।
यम: मृत्यु के देवता।
6. अन्य क्षेत्रीय और विशिष्ट देवता
कार्तिकेय (मुरुगन): युद्ध के देवता।
संतोषी माता: संतोष और धैर्य की देवी।
नाग देवता: सर्पों की पूजा से सुरक्षा।
अयप्पा: दक्षिण भारत में पूजनीय।
एकता में अनेकता का सिद्धांत
सनातन धर्म में यह मान्यता है कि सभी देवता एक ही परम शक्ति (ब्रह्म) के अलग-अलग रूप हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी श्रद्धा और भावना के अनुसार किसी भी देवता की पूजा कर सकता है।
निष्कर्ष:
सनातन धर्म के प्रमुख देवता त्रिदेव, त्रिदेवियाँ, गणेश, सूर्य, और हनुमान हैं, लेकिन देवताओं का यह विस्तार प्रकृति, भक्ति और जीवन के हर पहलू को कवर करता है। यह एक व्यापक और समग्र परंपरा है।
प्रमुख देवता और उनकी भूमिकाएँ
1. त्रिदेव (सृष्टि के रचनात्मक, संरक्षक और विनाशकारी रूप)
ब्रह्मा (सृष्टि के रचयिता):
- ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता।
- इनकी पत्नी सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी हैं।
- प्रमुख वाहन: हंस।
विष्णु (संरक्षक):
सृष्टि की रक्षा और धर्म की स्थापना के देवता।
उनके 10 अवतारों में से राम और कृष्ण सबसे प्रसिद्ध हैं।
इनकी पत्नी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।
प्रमुख वाहन: गरुड़।
महेश (शिव) (विनाशक और पुनर्निर्माता):
- सृष्टि के संहार और पुनः निर्माण के देवता।
- शिव के तांडव से सृष्टि का नाश और सृजन होता है।
- इनकी पत्नी पार्वती शक्ति का प्रतीक हैं।
- प्रमुख वाहन: नंदी बैल।
2. त्रिदेवियों का महत्व
सरस्वती: ज्ञान, संगीत और कला की देवी।
लक्ष्मी: धन, वैभव और समृद्धि की देवी।
पार्वती (दुर्गा, काली): शक्ति, भक्ति और ऊर्जा की देवी।
3. पंच देव (पूजा के 5 प्रमुख देवता)
गणेश:
- प्रथम पूजनीय।
- विघ्नों का नाश करने वाले और नई शुरुआत के देवता।
शिव:
- ध्यान और मोक्ष के मार्गदर्शक।
विष्णु:
- पालनकर्ता।
सूर्य:
- ऊर्जा, प्रकाश और जीवन के स्रोत।
शक्ति (दुर्गा/पार्वती):
- सृजन और शक्ति का प्रतीक।
4. लोकप्रिय देवता
हनुमान:
- शक्ति और भक्ति के प्रतीक।
- राम के अनन्य भक्त और अजर-अमर।
राम:
- धर्म, मर्यादा और आदर्श पुरुष।
कृष्ण:
- प्रेम, भक्ति और ज्ञान के देवता।
- भगवद्गीता के उपदेशक।
5. प्रकृति और तत्वों से संबंधित देवता
अग्नि: यज्ञ और ऊर्जा के देवता।
वरुण: जल और सागर के देवता।
वायु: वायु और प्राण शक्ति के देवता।
इंद्र: देवताओं के राजा और वर्षा के देवता।
चंद्र: चंद्रमा और मन के स्वामी।
यम: मृत्यु के देवता।
6. अन्य क्षेत्रीय और विशिष्ट देवता
कार्तिकेय (मुरुगन): युद्ध के देवता।
संतोषी माता: संतोष और धैर्य की देवी।
नाग देवता: सर्पों की पूजा से सुरक्षा।
अयप्पा: दक्षिण भारत में पूजनीय।
एकता में अनेकता का सिद्धांत
सनातन धर्म में यह मान्यता है कि सभी देवता एक ही परम शक्ति (ब्रह्म) के अलग-अलग रूप हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी श्रद्धा और भावना के अनुसार किसी भी देवता की पूजा कर सकता है।
निष्कर्ष:
सनातन धर्म के प्रमुख देवता त्रिदेव, त्रिदेवियाँ, गणेश, सूर्य, और हनुमान हैं, लेकिन देवताओं का यह विस्तार प्रकृति, भक्ति और जीवन के हर पहलू को कवर करता है। यह एक व्यापक और समग्र परंपरा है।
पञ्चाङ्ग कैलेण्डर 03 Dec 2024 (उज्जैन)
आज का पञ्चाङ्ग
दिनांक: 2024-12-03
मास: मार्गशीर्ष
दिन: मंगलवार
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: द्वितीया तिथि 01:09 PM तक उपरांत तृतीया
नक्षत्र: नक्षत्र मूल 04:41 PM तक उपरांत पूर्वाषाढ़ा
शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त - 11:50 AM – 12:31 PM
राहु काल: 2:45 PM – 4:02 PM
यमघंट: 9:36 AM – 10:53 AM
शक संवत: 1946, क्रोधी
विक्रम संवत: 2081, पिंगल
दिशाशूल: उत्तर
आज का व्रत त्यौहार: