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सत्य से बड़ा तो ईश्‍वर भी नहीं

क्या देव दिवाली का संबंध भगवान शिव से भी है?

देव दिवाली का संबंध भगवान शिव से भी है और इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और गंगा माता की पूजा का महत्व है। देव दिवाली, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हिंदू धर्म में एक विशेष दिन माना जाता है। यह दिन मुख्यतः भगवान शिव के साथ जुड़ा हुआ है और इस दिन को शिव की उपासना और गंगा नदी की पूजा के रूप में मनाया जाता है।

देव दिवाली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भगवान शिव और गंगा माता से गहरे जुड़े हुए हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा, गंगा स्नान, और दीपदान के माध्यम से शिव और गंगा से आशीर्वाद प्राप्त करने की परंपरा है। यह दिन अंधकार से प्रकाश की ओर जाने और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ने का प्रतीक है।

देव दिवाली और भगवान शिव:


1. शिव और देवी पार्वती की उपासना:
- देव दिवाली के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। यह दिन शिव महिमा और गंगा माँ की पूजा का अवसर है। कुछ स्थानों पर इसे शिव पूजा और गंगा स्नान का दिन भी माना जाता है।
- इस दिन की पूजा का उद्देश्य शिव के आशीर्वाद प्राप्त करना और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति करना है।

2. भगवान शिव का अद्भुत रूप:
- देव दिवाली के दिन भगवान शिव के रूप को प्रकाशमयी और दिव्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिससे यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक बन जाता है।
- विशेष रूप से शिवलिंग का पूजन इस दिन बहुत महत्व रखता है। भक्तगण शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, और फूल अर्पित करते हैं, और शिव के मंत्रों का जाप करते हैं।

3. गंगा का महत्व:
- देव दिवाली का एक और कारण गंगा नदी से जुड़ा हुआ है। इस दिन विशेष रूप से गंगा माँ की पूजा होती है, क्योंकि माना जाता है कि भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया था।
- गंगा को शिव की अंश के रूप में पूजा जाता है और इस दिन भक्तगण गंगा नदी में स्नान करते हैं, साथ ही दीप जलाकर गंगा की आरती करते हैं। गंगा के आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

देव दिवाली और भगवान शिव से संबंधित कथा:


1. शिव और गंगा की मिलन की कथा:
- हिंदू पुराणों में एक कथा है, जिसके अनुसार गंगा को धरती पर लाने के लिए भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया था। देव दिवाली पर इस संबंध में विशेष रूप से पूजा की जाती है, ताकि गंगा और शिव के आशीर्वाद से भक्तों का जीवन पवित्र और समृद्ध हो।

2. शिव पूजा का महत्व:
- देव दिवाली के दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व इसलिए है, क्योंकि इसे शिव के विजयी रूप के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा होती है, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। विशेष रूप से यह दिन शिव की महिमा और उनके अनंत आशीर्वाद को सम्मानित करने का होता है।
पञ्चाङ्ग कैलेण्डर 02 Dec 2024 (उज्जैन)

आज का पञ्चाङ्ग

दिनांक: 2024-12-02
मास: मार्गशीर्ष
दिन: सोमवार
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शक संवत: 1946, क्रोधी
विक्रम संवत: 2081, पिंगल
दिशाशूल: पूरब
आज का व्रत त्यौहार: इष्टि